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Devi geet on Maihar Wali Maa Sharada Bhawani
Song

सांचा है तेरा दरबार रे , ऊंचा है तेरा दरबार रे। मईया मैहर वाली सच्चा है तेरा दरबार रे। ये मैहर वाली सबसे बड़ा है दरबार रे।

सबसे पहले पूजा आल्हा बली करते है। चरणों में तेरे सिर अपना बली देते हैं। बैरियों का तूने दूर अहंकार रे। ये मैहर वाली सबसे बड़ा है दरबार रे।

ऊंचे पहाड़ों पर दरबार है तूने सजाया। भक्तो को अपने तूने कभी ना भुलाया। पूजे हरदम तुझको सारा संसार रे। ये मैहर वाली सबसे बड़ा है दरबार रे।

शारदा भवानी तू जग कल्याणी कहलाती है। दुखियों के दुख दूर करे तू महारानी कहलाती है। ढोल नगाड़ा बाजे और बाजे करताल रे। ये मैहर वाली सबसे बड़ा है दरबार रे।

आल्हा ऊदल को किया अमर दिया वरदान था। भुजा में समाई में रन आल्हा का थामा कमान था। भक्त भारती पुकारे सुन ले तू मेरी पुकार रे। ये मैहर वाली सबसे बड़ा है दरबार रे।